Table of Contents Home Remedies for Joint Pain
अगर आपके जोड़ों Joint Pain में अक्सर दर्द रहता है, खासकर घुटनों, कमर या कंधों में, और रोजमर्रा के काम जैसे सीढ़ियां चढ़ना, उठना-बैठना या चलना-फिरना मुश्किल हो गया है, तो यह वीडियो आपके लिए बहुत फायदेमंद होने वाली है।
आज हम एक बेहद असरदार और नेचुरल रेमेडी के बारे में बात करेंगे, जो आपके जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद कर सकती है और आपकी मूवमेंट को बेहतर बना सकती है। खास बात यह है कि यह घरेलू उपाय सिर्फ दो साधारण इंग्रेडिएंट्स से तैयार होता है, जो आपको आसानी से आपके किचन में मिल जाएंगे।
इस वीडियो में हम विस्तार से समझेंगे कि जोड़ों में दर्द होने की असली वजह क्या होती है, किन गलत आदतों के कारण यह बढ़ सकता है, और यह आसान-सा नुस्खा आपकी परेशानी को कैसे दूर करने में मदद कर सकता है।
तो चलिए बिना किसी देरी के इस हेल्पफुल वीडियो को शुरू करते हैं और जानते हैं इस खास रेमेडी और अन्य जरूरी टिप्स के बारे में।
नी पेन होता क्यों है ?

दोस्तों, घुटने हमारी बॉडी का एक बहुत ही कॉम्प्लेक्स जॉइंट joint है, जो हमारे शरीर का लगभग सारा वज़न सहन करता है। लेकिन जिस तरह पुरानी गाड़ी धीरे-धीरे अपनी स्मूथनेस और पावर खोने लगती है, वैसे ही उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमारे जॉइंट्स कमजोर होने लगते हैं और Joint Pain की समस्या बढ़ जाती है। खासतौर से घुटनों में वियर और टियर होने लगता है, जिससे वहां तेज दर्द Joint Pain और अकड़न महसूस होती है।
इस वियर और टियर की वजह से घुटनों की जो अंदरूनी सतह होती है, जिसे हम जॉइंट कार्टिलेज कहते हैं, वह घिसने लगती है। इसके साथ ही जॉइंट्स के बीच में मौजूद चिकनाई Lubricant भी कम होने लगती है, जिससे हड्डियां आपस में रगड़ खाने लगती हैं और Joint Pain बढ़ जाता है। इसके अलावा, मेडिकल कंडीशंस जैसे कि अर्थराइटिस, गाउट या इंफेक्शन भी हमारे घुटनों और दूसरे जोड़ों में Joint Pain का कारण बन सकती हैं, क्योंकि इन समस्याओं में जॉइंट कार्टिलेज डैमेज हो जाता है।
जॉइंट कार्टिलेज हमारे घुटनों के बीच में एक सॉफ्ट मटेरियल की तरह काम करता है, जिसका मुख्य काम शॉक को अब्जॉर्ब करना और हड्डियों को आपस में घिसने से बचाना होता है ताकि आप आसानी से चल-फिर सकें। लेकिन जब यह कार्टिलेज घिसने या कम होने लगता है, तो इससे Joint Pain और Stiffness (अकड़न) पैदा होती है, जिससे चलने-फिरने, उठने-बैठने में दिक्कत होने लगती है।
ओबेसिटी (मोटापा)
जब शरीर का वजन अधिक होता है, तो घुटनों पर ज्यादा दबाव पड़ता है, जिससे Joint Pain बढ़ सकता है।
रिपीटेड स्ट्रेस और ओवरलोडिंग
बार-बार घुटनों पर दबाव डालने वाली एक्टिविटीज जैसे रनिंग, जंपिंग, या ज्यादा वेट लिफ्ट करना भी Joint Pain को बढ़ावा दे सकता है।
पोषक तत्वों की कमी
कैल्शियम, विटामिन D, और ओमेगा-3 की कमी से जॉइंट्स कमजोर हो सकते हैं, जिससे Joint Pain की समस्या हो सकती है।
सेडेंटरी लाइफस्टाइल
ज्यादा देर तक बैठे रहना और कम मूवमेंट करने से जॉइंट्स की स्टिफनेस और Joint Pain बढ़ सकता है।
Joint Pain से बचाव कैसे करें ?
एक बार जब हमारा joint कार्टिलेज डैमेज हो जाता है, तो यह दूसरे टिश्यूज की तरह आसानी से रीजनरेट नहीं हो पाता, जिससे Joint Pain लंबे समय तक बना रह सकता है। इसलिए Joint Pain से बचने और इसे कम करने के लिए सही डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज, और नेचुरल रेमेडीज को अपनाना बहुत जरूरी है।
ऐसे में सवाल यह आता है कि अपने कार्टिलेज को घिसने से बचाने और उसे रिपेयर करने के लिए हम क्या कर सकते हैं? इसके लिए सबसे पहला कदम डाइटरी एडजस्टमेंट है, यानी अपनी डाइट में ऐसे फूड्स शामिल करना जो जोड़ों के लिए फायदेमंद हों और सूजन (Inflammation) को कम करें।
जोड़ों के दर्द से राहत के लिए डाइट गाइड:
- ओमेगा-3 से भरपूर फूड्स खाएं:
- फिश (सैल्मन, टूना, मैकेरल)
- अखरोट
- फ्लैक्स सीड्स
- चिया सीड्स

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2. एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड्स अपनाएं:
- हल्दी (दूध या चाय में मिलाकर)
- अदरक (चाय या भोजन में)
- ऑलिव ऑयल (सलाद और पकाने में)
- हरी पत्तेदार सब्जियां (पालक, मेथी, ब्रोकली)

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3. प्रोसेस्ड और जंक फूड से बचें:
- डीप फ्राइड और तले हुए खाद्य पदार्थ
- प्रोसेस्ड मीट और अधिक नमक वाले खाद्य पदार्थ
- शुगर और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स

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4. पर्याप्त पानी और हाइड्रेशन बनाए रखें:
- दिनभर में 8-10 गिलास पानी पिएं
- हर्बल टी या नारियल पानी लें

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5. विटामिन और मिनरल्स पर ध्यान दें:
मैग्नीशियम (बादाम, कद्दू के बीज)
कैल्शियम (दूध, दही, चीज़)
विटामिन D (सूरज की रोशनी, मशरूम)

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लो-इंपैक्ट एक्सरसाइज

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लो-इंपैक्ट एक्सरसाइज, जैसे स्विमिंग और साइकिलिंग, जोड़ों के लिए सुरक्षित और प्रभावी वर्कआउट मानी जाती हैं, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें घुटनों, कूल्हों या टखनों में दर्द या अन्य समस्याएं होती हैं। ये एक्सरसाइज शरीर पर अधिक दबाव डाले बिना मांसपेशियों को मजबूत करती हैं और लचीलेपन में सुधार करती हैं। स्विमिंग में पानी का बायोनसी शरीर के वजन को सहारा देता है, जिससे जोड़ों पर दबाव कम पड़ता है, जबकि साइकिलिंग घुटनों और कूल्हों की गति को बनाए रखते हुए मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करती है। इसके अलावा, ये एक्सरसाइज कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ को बेहतर बनाती हैं, जिससे हृदय और फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है। साथ ही, यह कैलोरी बर्न करने और वजन नियंत्रण में भी सहायक होती हैं, जिससे जोड़ों पर अतिरिक्त भार पड़ने की संभावना कम हो जाती है। लो-इंपैक्ट एक्सरसाइज ना सिर्फ जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करती हैं, बल्कि लंबी अवधि तक जोड़ों को स्वस्थ बनाए रखने में भी कारगर होती हैं, इसलिए इन्हें नियमित रूप से अपनी फिटनेस दिनचर्या में शामिल करना लाभदायक साबित हो सकता है।
हेल्दी वेट

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हेल्दी वेट को मेंटेन रखना। एक्स्ट्रा वेट से आपके जॉइंट्स के ऊपर ज्यादा प्रेशर पड़ता है स्पेशली आपके घुटनों के ऊपर और हेल्दी वेट को मेंटेन करके आप अपने घुटनों को लॉन्ग टर्म डैमेज से बचा सकते हैं। इसके अलावा ऐसे सप्लीमेंट लेना भी एक बहुत ही अच्छा ऑप्शन है जो की कार्टिलेज प्रोटेक्शन और रीजनरेशन में आपकी हेल्प करते हैं। यानी आपके कार्टिलेज को प्रोटेक्ट करके वहां पर जो खराब हो चुका है उसको रिपेयर करने का कम करते हैं। कार्टिलेज रीजनरेशन के लिए कोलेजन, ग्लूकोसामाइन और कैल्शियम सप्लीमेंट्स को आमतौर पर लेने की सलाह दी जाती है। तो आप चाहें तो इस तरह के सप्लीमेंट्स को भी लेना शुरू कर सकते हैं।
सप्लीमेंट

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वैसे अगर आप जानना चाहते हैं की आपको कौन सा सप्लीमेंट अपने घुटनों के दर्द को दूर करने के लिए लेना चाहिए तो मैं आज आपको एक ऐसा सप्लीमेंट सजेस्ट करूंगा जिसमें आपको ये तीनों ही चीजें यानी। कैल्शियम, ग्लूकोसामाइन और कोलेजन एक ही जगह मिल जाएंगे और इसके लिए आपको ये अलग अलग सप्लीमेंट लेने नहीं पड़ेंगे। जी हां दोस्तों मैं बात कर रहा हूं एन वेदा जॉइंट सपोर्ट टैबलेट्स की जो की। मैं पहले भी कई सारी वीडियो में आप लोगों को सजेस्ट कर चुका हूं एंड जॉइंट सपोर्ट टैबलेट कोई पेनकिलर नहीं है बल्कि ये जॉइंट ज्वाइंट पेन की जड़ पर काम करता है। यह एक ऐसा यूनिक प्रोडक्ट है जो कि घिसे हुए ज्वाइंट कार्टिलेज को रिपेयर करता है, जोड़ों में ग्रीस को बढ़ाता है और बोन्स और मसल्स को भी स्ट्रांग बनाता है जिससे कि आपको लॉन्ग लास्टिंग रिलीफ मिलता है। ज्वाइंट सपोर्ट टैबलेट कोलेजन टाइप दो, ग्लूकोसामाइन, कैल्शियम और एमएसएम जैसे कुछ बहुत ही इफेक्टिव कंपाउंड्स से बनाया जाता है। इसमें मौजूद कोलेजन टाइप दो और ग्लूकोसामाइन एक तरह के प्रोटीन है जो कि जोड़ों के अंदर घिसे हुए कार्टिलेज को रिपेयर करते हैं। कैल्शियम बोन्स और जॉइंट्स को स्ट्रांग बनाता है और प्रॉपर मसल फंक्शन के लिए जरूरी होता है और एमएसएम यानी कि मिथाइल सल्फाइड मीथेन। यह आपके ज्वाइंट के अंदर इन्फ्लेमेशन यानी कि सूजन को कम करता है जिससे कि दर्द में कमी आती है और ज्वाइंट मूवमेंट आसान बनते हैं। इसकी रोजाना आपको 1 से 2 टैबलेट खाना खाने के कुछ देर के बाद पानी से लेनी होती है। शुरुआत में अगर आपको प्रॉब्लम बहुत ज्यादा है तो आप इसकी दो दो टैबलेट भी दिन में दो टाइम ले सकते हैं और फिर उसके बाद कुछ दिन में जब आपको आराम मिलने लग जाए तो फिर आप इसकी एक एक टेबलेट दिन में दो टाइम ले सकते हैं और उसके बाद सपोर्टिव थेरेपी आप इसको एक टैबलेट रोजाना लेते रह सकते हैं। बेस्ट रिजल्ट्स के लिए इसको आप कम से कम 90 डेज तक जरूर लीजिएगा। यह प्रोडक्ट सभी लोग ले सकते हैं। अगर आप प्योर वेजीटेरियन है या फिर अगर आपको चिकन या फिर फिश से एलर्जी है तो ऐसे में आपको इसको नहीं लेना है। क्योंकि यह एक नॉन वेजिटेरियन प्रोडक्ट है और इसके अंदर कोलेजन और ग्लूकोसामाइन जो है। यह चिकन और फिश से लिया जाता है। ज्वाइंट सपोर्ट को परचेस करने के लिए सभी लिंक्स आपको नीचे डिस्क्रिप्शन के अंदर और फर्स्ट कमेंट में मिल जाएंगे। तो अगर आप अपने ज्वाइंट पेन से राहत पाना चाहते हैं और पेनकिलर्स को खाते खाते थक गए हैं तो एक बार इसको भी आप जरूर ट्राई करें।
नुस्खा
गार्लिक और ऑलिव ऑयल से बनी यह रेमेडी घुटनों के दर्द के लिए बेहद फायदेमंद है। इसके लिए 5-6 लहसुन की कलियों को क्रश करके एक साफ कांच के जार में डालें और उस पर 1 कप एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल डालें। जार को टाइट बंद करके एक हफ्ते तक रूम टेम्परेचर पर रखें, फिर मलमल के कपड़े से छान लें। इसे रोज सुबह-शाम घुटनों पर मसाज करें या 1 टीस्पून सलाद में मिलाकर खाएं। गार्लिक के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण और ऑलिव ऑयल के पेन-रिलीविंग कंपाउंड मिलकर घुटनों के दर्द में राहत देते हैं।
दोस्तों जब हम जॉइंट पेन की बात करते हैं तो सिर्फ एक रेमिडी ही काफी नहीं होती है। आइए कुछ ऐसे एडिशनल टिप्स के बारे में भी जानते हैं जो कि इस रेमिडी के साथ मिलकर आपके ज्वाइंट हेल्थ को और भी ज्यादा बेहतर बना सकते हैं।
घुटनों के दर्द को कम करने के लिए महत्वपूर्ण टिप्स:
जेंटल स्ट्रेचिंग – हल्की स्ट्रेचिंग या योग से घुटनों की जकड़न कम होती है और लचीलापन बढ़ता है।
हीट थेरेपी – गर्म पट्टी, हीटिंग पैड या हल्का गरम तेल लगाने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे दर्द और जकड़न में राहत मिलती है।
कोल्ड थेरेपी – यदि सूजन, रेडनेस या गर्मी महसूस हो रही हो, तो बर्फ का पैक लगाएं, यह सूजन को कम करने में मदद करता है।
वजन नियंत्रित रखें – अतिरिक्त वजन घुटनों पर दबाव बढ़ाता है, जिससे दर्द बढ़ सकता है।
हाइड्रेशन बनाए रखें – दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं ताकि जोड़ों को चिकनाई मिलती रहे और वे स्वस्थ रहें।
इन सभी टिप्स को अपनी डेली रूटीन के अंदर इंक्लूड करना आपके ज्वाइंट हेल्थ को मेंटेन करने में आपकी काफी ज्यादा मदद करेगा। वैसे घुटनों के दर्द और ग्रीस को बढ़ाने के लिए दोस्तों मैंने और भी अनगिनत वीडियोस बनाई हुई हैं जिनमें आपको और भी बहुत सारे नुस्खे और जरूरी बातें जानने को मिलेंगी। अगर आप जोड़ों के दर्द से परेशान हैं तो टाइम निकालकर हमारे इस जॉइंट पेन वाली पूरी की पूरी प्लेलिस्ट को आप जरूर देखिएगा। आपको बहुत कुछ नई नई बातें सीखने को मिलेंगी।
तो दोस्तों ये थी हमारी एक इंट्रेस्टिंग वीडियो आशा करता हूं आपको यह वीडियो जरूर पसंद आई होगी इसीलिए प्लीज इसे लाइक करें, हमारे चैनल Fitness Secret को सब्सक्राइब जरूर करें और Visit on Health Darbar
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