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क्या आपने कभी सोचा है कि कुछ लोग बुढ़ापे में भी इतने यंग और एनर्जेटिक कैसे रहते हैं? कैसे कुछ लोगों में मानो उम्र का असर होता ही नहीं है और कुछ लोग वक्त से पहले ही बूढ़े दिखने लग जाते हैं। वैसे तो इसके पीछे कई सारे कारण होते हैं जैसे कि आपका लाइफस्टाइल। आप कितनी स्ट्रेस में रहते हैं। फिजिकली आप कितने एक्टिव रहते हैं या नहीं रहते हैं, कैसी डाइट आप खाते हैं और कैसी नींद लेते हैं। लेकिन इन सबके अलावा कुदरत ने हमें कुछ Anti-Aging Foods खाने पीने की ऐसी चीजें भी दी हैं जो कि उम्र के इस असर को हमारे अंदर कम करती हैं और हमारी बॉडी को बुढ़ापे तक यंग और फिट रखने में हमारी मदद करती हैं।
आज मैं आपको दोस्तों ऐसी ही तीन चीजों के बारे में बताऊंगा जो कि बहुत ही कॉमनली अवेलेबल है। यूज करने में बहुत ही आसान है और गजब के एंटी एजिंग प्रॉपर्टीज रखती है। तो चलिए बिना किसी देरी के इस वीडियो को शुरू करते हैं और जानते हैं इन तीनों चीजों के बारे में पूरी डिटेल।
दोस्तों जैसे जैसे हमारी एज बढ़ती है बॉडी के अंदर कई तरह के बदलाव धीरे धीरे आने लगते हैं। हमारी स्किन की इलास्टिसिटी कम होने लगती है जिससे कि चेहरे पर रिंकल्स और फाइन लाइंस आने लगती हैं। हमारे जोड़ों के अंदर सख्ती आ जाती है, कमजोरी आ जाती है जिससे कि चलने फिरने में दिक्कत होती है। इसके अलावा नसों में जो खून के ब्लड वेसल्स होते हैं इनके अंदर प्लाक बनने लग जाता है। इनकी नरमी और लचीलापन कम हो जाता है। जिसकी वजह से हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज का रिस्क भी बढ़ जाता है और हार्ट की जो पंप करने की फंक्शन होता है, जो कुवत होती है वह भी कमजोर पड़ने लगती है। इसी तरह से उम्र बढ़ने के कारण हमारा दिमाग भी कमजोर होने लगता है, याददाश्त कम हो जाती है, नजर कमजोर हो जाती है और मेटाबॉलिक रेट स्लो होने की वजह से हमारा वेट भी बढ़ने लग जाता है।
वैसे तो यह सभी चीजें एक नेचुरल प्रोसेस का हिस्सा है। कुदरत का निजाम है और हम में से हर किसी को इससे गुजरना ही है। लेकिन कुछ अच्छी आदतों की मदद से और इन तीन चीजों की मदद से जो अब मैं आपको बताने वाला हूं हम इस एजिंग प्रोसेस को डिले जरूर कर सकते हैं।
तो चलिए अब बात करते हैं उन तीन चीजों के बारे में जो कि आपको आज से ही खानी शुरू कर देनी चाहिए। यह तीनों चीजें जो आज मैं आपको बताऊंगा इनमें एक चीज कॉमन है और वह है इनमें पाया जाने वाला ओमेगा थ्री फैटी एसिड कंटेंट। दोस्तों ओमेगा थ्री हमारी बॉडी के अंदर एजिंग प्रोसेस को स्लो डाउन करते हैं और इसके अलावा बहुत सारे इंपॉर्टेंट रोल प्ले करते हैं। यह एनिमल और प्लांट दोनों ही सोर्सेस से मिल सकते हैं। लेकिन अगर दोनों को हम कंपेयर करें, एनिमल सोर्स को और प्लांट सोर्स को, तो एनिमल सोर्स से मिलने वाला जो ओमेगा थ्री फैटी एसिड होता है, वह ज्यादा अच्छा होता है। तो आज जो तीन चीज मैं आपको बताने वाला हूं, इनमें से एक है एनिमल फूड और दो है प्लांट बेस्ड फूड्स। तो चाहे आप वेजिटेरियन है या फिर नॉन वेजिटेरियन है, आप अपने हिसाब से इनमें से जो भी आपको अच्छा लगे सूटेबल लगे वह आप अपना सकते हैं।
1: फिश Anti-Aging Foods

Anti-Aging Foods
फिश खासतौर से फैटी फिश जैसे कि सामन, मैकेरल, सार्डिन, ट्राउट और देसी फिश में अगर बात करें तो सिंघाड़ा फिश, फिश, ईपीए और डीएचए से भरपूर होती है जो कि बेस्ट ओमेगा थ्री फैटी एसिड्स होते हैं। फिश में पाए जाने वाले ओमेगा थ्री हार्ट के लिए फायदेमंद तो है ही साथ ही साथ यह ट्राइग्लिसराइड्स को भी कम करते हैं। ब्लड प्रेशर को मैनेज करने में हमारी मदद करते हैं और एरिथमिया को भी प्रिवेंट करते हैं। साथ ही साथ दिमाग को बढ़ती उम्र में भी यह तेज रखते हैं। हमारी कॉग्निटिव डिक्लाइन को यानी याददाश्त या दिमागी कमजोरी जो उम्र के साथ आती है उसको स्लो डाउन करते हैं और अल्जाइमर जैसी बीमारियों से भी हमें बचाने का काम करते हैं। फिश को रेगुलर तौर पर खाने से ये आंखों को भी फायदा पहुंचाती है और बढ़ती हुई उम्र में मैकुलर डिजनरेशन जैसी प्रॉब्लम्स को भी प्रिवेंट करती है। फिश को आप ग्रिल करके हफ्ते में एक या दो बार खा सकते हैं या इसको बेक करके भी खाया जा सकता है या फिर इसकी ग्रेवी भी बनाई जा सकती है, उसको भी आप खा सकते हैं। बस एक बात का ख्याल रखिएगा कि बहुत ज्यादा मसालेदार या फिर फ्राइड फिश को आपको नहीं खाना है क्योंकि ऐसा करने से ये आपको उल्टा नुकसान भी पहुंचा सकती है।
ओमेगा-3 की कमी:
भारत के कई हिस्सों में मछली को नियमित रूप से खाया जाता है, जैसे बंगाल, महाराष्ट्र, और केरल। हालांकि, यह जरूरी नहीं कि हर मछली में ओमेगा-3 की पर्याप्त मात्रा हो, खासकर जब मछली में चर्बी कम होती है।
फैटी फिश का महत्व:
ओमेगा-3 फैटी एसिड्स अधिकतर फैटी फिश (मछलियों जिनमें अधिक चर्बी होती है) में पाए जाते हैं। इनमें सैल्मन, सार्डिन, मैकेरल जैसी मछलियां शामिल हैं।
सिर्फ मछली खाना नहीं काफी:
ओमेगा-3 की कमी से बचने के लिए यह जरूरी है कि सही प्रकार की मछली खाई जाए, जो ओमेगा-3 से भरपूर हो। सिर्फ मछली खाना ही काफी नहीं है, सही मछली का चयन भी महत्वपूर्ण है।
फिश ऑयल सप्लीमेंट्स का विकल्प:
अगर आपकी जगह पर ओमेगा-3 से भरपूर मछली नहीं मिलती, तो आप फिश ऑयल सप्लीमेंट्स का उपयोग कर सकते हैं। ये सप्लीमेंट्स मार्केट में आसानी से उपलब्ध होते हैं।
सही सप्लीमेंट का चुनाव:
फिश ऑयल का चुनाव करते समय यह सुनिश्चित करें कि आप प्योर, सेफ और इफेक्टिव प्रोडक्ट का चयन कर रहे हैं। एक अच्छे ब्रांड को चुनें, जो गुणवत्ता और सुरक्षा दोनों को ध्यान में रखे।
2: चिया सीड्स Anti-Aging Foods

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चिया सीड्स चिया सीड्स में ए एल ए नाम के ओमेगा थ्री फैटी एसिड्स होते हैं जो कि प्लांट सोर्स से मिलने वाले ओमेगा 3 की कैटेगरी में आते हैं। यह भी एजिंग प्रोसेस को स्लो करते हैं और आपको वो सभी फायदे देते हैं जो कि फैटी फिश से मिलते हैं। क्योंकि यह वेजिटेरियन है तो ऐसे लोग जो कि फिश को नहीं खाना चाहते हैं या जिनको फिश पसंद नहीं है या अवेलेबल नहीं है उनके लिए एक बहुत ही बढ़िया अल्टरनेटिव होता है। चिया सीड्स हमारे डाइजेस्टिव हेल्थ को इंप्रूव करने के साथ साथ बॉडी के अंदर हाइड्रेशन को मेंटेन करने में भी मदद करते हैं। यानी बॉडी में पानी की कमी नहीं होने देते हैं। चिया सीड्स स्किन, बालों, हड्डियों, जोड़ों, कब्ज और वेट लॉस के लिए भी बेहद फायदेमंद होते हैं और इसीलिए बढ़ती हुई उम्र में इनका सेवन करने से इस तरह की प्रॉब्लम से बचा जा सकता है। इनको अपने आप से दूर रखा जा सकता है और ज्यादा लंबे समय तक फिट और हेल्दी भी रहा जा सकता है।
आसान उपयोग:
एक टेबलस्पून चिया सीड्स को पानी में 2-3 घंटे भिगोकर पिएं, या मिल्क शेक, दही, या जूस में डालकर भी ले सकते हैं।
ओमेगा-3 और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण:
चिया सीड्स में ओमेगा-3 होते हैं, जो शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण रखते हैं।
स्वास्थ्य लाभ:
चिया सीड्स क्रॉनिक इंफ्लेमेशन को कम करने में मदद करते हैं, जिससे जोड़ों का दर्द, हार्ट डिजीज, किडनी डिजीज और अन्य बीमारियों से बचाव होता है।
रेगुलर सेवन:
नियमित रूप से चिया सीड्स का सेवन इन समस्याओं से बचाने में सहायक होता है।
3: फ्लैक्स सीड्स Anti-Aging Foods

Anti-Aging Foods
फ्लैक्स सीड्स भी ए एल ए ओमेगा थ्री फैटी एसिड से रिच होते हैं और यह भी हमारी हार्ट हेल्थ को बूस्ट करने के साथ साथ इंफ्लेमेशन को रिड्यूस करते हैं। फ्लैक्स सीड्स ट्राइग्लिसराइड्स को भी कम करते हैं, जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करते हैं और आंखों, बाल और त्वचा के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं होते हैं। फ्लैक्स सीड्स को आपको हमेशा भूनकर और पीसकर ही खाना चाहिए क्योंकि इन बीजों का जो आउटर हिस्सा होता है, जो कवरिंग होती है वह बहुत हार्ड होती है और हमारा पेट इसको आसानी से पचा नहीं पाता है और इसलिए अगर ऐसे ही खा लेंगे तो आपको उतना फायदा नहीं मिलेगा। इनको भून कर भूनकर और पीसकर इस्तेमाल करने से आपको इसका पूरा फायदा मिलता है। इसलिए रोजाना 1 से 2 टेबल स्पून अलसी के बीज आप तवे के ऊपर पहले भून लीजिए। फिर इनको हल्का सा कूट लीजिए और उसके बाद इसको आप दूध से या पानी के साथ खा सकते हैं।
तो दोस्तों ये हैं वो तीन पावरफुल फूड्स जो कि बढ़ती हुई उम्र में अपनी डाइट में शामिल करने से आप लॉन्ग टर्म हेल्थ बेनिफिट्स तो पाएंगे ही साथ ही साथ खुद को यंग और एनर्जेटिक भी फील करेंगे। और प्रोबेबली अपने ऊपर पड़ने वाले उम्र के असर को किसी हद तक आप डिले जरूर कर पाएंगे।
तो दोस्तों ये थी हमारी एक इंट्रेस्टिंग वीडियो आशा करता हूं आपको यह वीडियो जरूर पसंद आई होगी इसीलिए प्लीज इसे लाइक करें, हमारे चैनल Fitness Secret को सब्सक्राइब जरूर करें और Visit on Health Darbar
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